
बस्तर (CGVARTA)। आज़ादी के 78 साल बाद छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के 14 नक्सल प्रभावित गांवों में 15 अगस्त 2025 को पहली बार स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया गया। इन गांवों ने दशकों बाद डर की छाया से बाहर निकलकर गर्व से तिरंगा फहराया और पूरे क्षेत्र में देशभक्ति का माहौल देखा गया।
कहाँ हुआ यह बदलाव?
यह ऐतिहासिक घटना बीजापुर, नारायणपुर और सुकमा जिलों के गांवों में हुई। इन इलाकों में पहले राष्ट्रीय पर्व पर नक्सलियों के दबाव के चलते काले या लाल झंडे फहराए जाते थे। लेकिन 26 जनवरी 2025 के बाद स्थापित नए सुरक्षा कैंपों, प्रशासनिक पहुँच और विकास कार्यों की वजह से गांव अब राष्ट्रीय ध्वज के साथ आज़ादी का जश्न मना सके।
बस्तर आईजी पी. सुन्दरराज का बयान
“यह बेहद गर्व का क्षण है कि बस्तर के आंतरिक क्षेत्रों के ग्रामीण पहली बार 15 अगस्त 2025 को स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं।”
ग्रामीणों का उत्साह
15 अगस्त को बीजापुर और आसपास के गांवों में आयोजित कार्यक्रमों में ग्रामीणों ने तिरंगा लहराया और “भारत माता की जय” के नारे लगाए। बच्चों ने हाथों में झंडे लेकर राष्ट्रगान गाया। मिठाइयाँ बाँटी गईं। सुरक्षा बलों और ग्रामीणों ने मिलकर एकता का संदेश दिया।
ग्रामीण का बयान
गांव के निवासी रामलाल हुड़िया ने भावुक होकर कहा – “अब डर नहीं, गर्व है। तिरंगे के नीचे हम सुरक्षित हैं।”
देश में पहली बार
यह पूरे देश में पहली बार हुआ है कि इतने बड़े पैमाने पर नक्सल प्रभावित गांवों ने एक साथ स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया और राष्ट्रीय ध्वज फहराया।










