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क्या अब सरगुजा भी जाएगा Excise उपायुक्त का रिश्तेदार हेमंत…?

रायपुर (CGVARTA)। छत्तीसगढ़ के आबकारी (Excise) विभाग में जमकर मनमानी चल रही है। मंगलवार देर रात आबकारी विभाग ने उपायुक्त रैंक के 3 अधिकारियों का तबादला आदेश जारी किया। इस दौरान रायपुर के आबकारी उपायुक्त विजय सेन शर्मा को संभागीय उड़नदस्ता में सरगुजा भेजा गया है।

सबसे ध्यान देने वाली बात यह होगी कि महासमुंद फिर रायपुर अपने साथ रिश्तेदार हेमंत शर्मा को लेकर आने वाले विजय सेन शर्मा क्या अब उसे लेकर सरगुजा भी जायेंगे। यदि ऐसा होता है तो विभाग सहित जांच एजेंसियों को विजय सेन शर्मा के इस कृत्य को गंभीरता से लेने की जरुरत है।

व्यवस्था सुधारने आए विजय ने बिगाड़ी व्यवस्था

बताया जा रहा है कि जिस उद्देश्य से उपायुक्त का ट्रांसफर राजधानी में हुआ था। उनके आने से व्यवस्था और चरमरा गई। इसके बाद लगातार मिल रही शिकायतों के आधार पर विभाग ने शर्मा का स्थान्तरण सरगुजा कर दिया है। रायपुर में शर्मा के रहते शराब दुकानों का समय पर न खुलना, सेल्समैन की कमी, ब्रांड का ना होना, दुकानों में स्टॉक का पूरी तरह खत्म होना, ओवररेट, कोचियाप्रथा और अवैध शराब बिक्री चरम पर रही।

प्रदेश महसचिव ने की थी कार्रवाई

इस मामले की शिकायत युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव मोहम्मद फहीम शेख ने विभाग के (Excise) अफसरों से की थी। उसके बाद विभाग ने सभी बिंदुओं पर जांच कर आनन फानन में विजय सेन शर्मा का स्थानांतरण किया। विजय को कार्य मुक्त होने का समय भी नहीं दिया गया। विभाग के स्थानांतरण आदेश में उन्हें कार्य मुक्त कर दिया गया।

हेमंत जमता है धौंस

बताया जा रहा है कि (Excise) उपायुक्त विजय सेन शर्मा के इशारों पर हेमंत शर्मा शहर के सभी शराब दुकानों में जाकर अपना धौंस जमाता है, और आबकारी निरीक्षकों व प्रभारी अधिकारियों पर कार्रवाई का दबाव बनाता है। हेमंत की जबरदस्ती से त्रस्त जिले के शराब दुकान संचालक अब आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। हेमंत विजय सेन शर्मा का रिश्तेदार भी बताया जा रहा है। ये महासमुंद में भी विजय के साथ इसी तरह कार्रवाई कर रहा था, विरोध होने पर ट्रांसफर रायपुर हुआ है।

ईडी की जांच जारी

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में हुए करोड़ों के शराब घोटाले की आंच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक पहुंचे है। मामले में ईडी ने कार्रवाई कर कई रसूखदारों को पकड़ा भी है, लेकिन शराब खोरी की यह प्रणाली ईडी की कार्रवाई के बाद भी जारी होना विभाग की कार्य प्रणाली पर सवाल उठता है।

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