रायपुर (CGVARTA)। किसी काम के बदले अवैध वसूली की ख़बरें तो देश में आम है, लेकिन खून के बदले लोगों से ज्यादा रकम की वसूली की जा रही है। तय शुल्क से ज्यादा राशि की कोई रसीद भी नहीं दी जाती। छत्तीसगढ़ वार्ता की टीम के पास राजधानी के सार्थक ब्लड (Blood) बैंक से जुड़ा एक मामला आया है, जिसमें रक्तदान महादान की पांच लाइन शर्मसार हो रही है।
मामला सामने आने के बाद राजधानी के पचपेड़ी नाका स्थित सार्थक ब्लड बैंक के संचालक त्रिलोचन साहू ने अवैध वसूली से साफ़ इंकार कर दिया, लेकिन जब मरीज के परिजन बनकर पहुंची हमारी टीम से ब्लड बैंक के संचालक ने मोल भाव शुरू कर दिया। अंततः यहां से उन्होंने स्वीकार किया कि मरीजों से लेने शुल्क 1550 रुपए तय है, लेकिन 2350 रुपए के दर से भुगतान करना होगा। हमारी टीम ने 4700 रुपए ऑनलाइन भुगतान किया, जीके बदले 1550 रुपए की रसीद की दर से 3100 रुपए की रसीद दी गई। शेष 1600 रुपए डोनेशन की बात कह गए।
ऐसे समझें मोटी कमाई का खेल
मना कि प्रतिदिन 15 लोग ही दो यूनिट ब्लड लेने सार्थक ब्लड बैंक पहुंचते हैं और 2350 की दर से भुगतान करते हैं, शासन द्वारा निर्धारित दर 1550 रुपए घटाने पर 1600 रु एक व्यक्ति से अतरिक्त वसूली की जा रही है। तो 1 दिन में 1600रु ×15 व्यक्ति = 24000 रु प्रतिदिन की अतिरिक्त कमाई। अगर 1 महीने का हिसाब लगे तो 24 हजार x 30 दिन = 7 लाख 20 हजार हो जाता है।
प्रशासनिक कार्रवाई का इन्तजार
शासन के नियमों कि जिस तरह धज्जियां उड़ाई जा रही है, उसके बाद छत्तीसगढ़ वार्ता की खबर के बाद प्रशासन क्या कार्रवाई करता है इसका इन्तजार रहेगा।