Gupt Navratri : जानें ज्ञान और वैराग्य की देवी मां ब्रह्मचारिणी का पूजा विधान
रायपुर (CGVARTA)। माघ महीने की गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) शनिवार से शुरू हुई। इस दौरान देवी के 9 रूपों की पूजा पूरे धूमधाम से करने का विधान है। गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri)10 फरवरी से शुरू होकर 18 फरवरी तक चलेगी। इस दौरान जो भी भक्त पूरे श्रद्धा भाव से देवी की आराधना करता है उसको मनचाहा आशीर्वाद मिलता है।
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विधान
गुप्त नवरात्रि में दूसरे दिन आज मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी को ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी माना जाता है। कठोर साधना और ब्रह्म में लीन रहने के कारण भी इनको ब्रह्मचारिणी कहा गया है। जानकारों के अनुसार जिनका स्वाधिष्ठान चक्र कमजोर हो उनके लिए भी मां ब्रह्मचारिणी की उपासना अत्यंत अनुकूल होती है।
क्या है महूर्त
द्वितीया तिथि 11 जून को सुबह 12:47 बजे से रात 09:09 बजे तक है। तृतीया 11 फरवरी की रात 09:09 बजे से 12 फरवरी को शाम 05:44 बजे है। ब्रह्म मुहुर्त सुबह 5:29 से 06:17 बजे तक रहेगा। सूर्य मकर राशि पर है, चन्द्रमा कुंभ राशि पर पूरे दिन-रात संचार करेगा।
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि?
- मां ब्रह्मचारिणी की उपासना के समय पीले अथवा सफेद वस्त्र धारण करें।
- मां को सफेद वस्तुएं अर्पित करें, जैसे- मिसरी, शक्कर या पंचामृत।
- ज्ञान और वैराग्य का कोई भी मंत्र जपा जा सकता है।
- वैसे मां ब्रह्मचारिणी के लिए “ॐ ऐं नमः” का जाप करें।
- जलीय आहार और फलाहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए।