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पर्यावरण विभाग की अनदेखी, फैक्ट्रियां रेलवे की जमीन पर कर रही है कैमिकल डंप, नहीं होती है केमिकल फैक्ट्री की जांच

दुर्ग |  जिले के भिलाई में हथखोज स्थित भारी औद्योगिक क्षेत्र में आसपास की कैमिकल फैक्ट्रियां अपने यहां उपयोग के बाद जले ऑयल को रेलवे की जमीन पर बहा रही है। इससे पूरे इलाके में न सिर्फ वातावरण दूषित हो रहा है, बल्कि यहां के बोर में से भी तारकोल (जला ऑयल) निकल रहा है। जिस बोर में पानी साफ दिख रहा है, उसमें भी नेप्थलीन की बदबू आ रही है। इस समस्या से परेशान बीईसी फैक्ट्री के मजदूरों ने सोमवार की सुबह हंगामा खड़ा कर दिया। उनकी शिकायत थी कि खराब आइल की बदबू से दम घुट रहा है। बीमारी भी फैलने की आशंका है। इसके बाद आसपास के उद्योगों के संचालक हरकत में आए और रेलवे की खाली जमीन पर खराब आइल फेंकने वाले को पकड़ने के लिए रात में सिक्युरिटी गार्ड तैनात करने का निर्णय लिया गया। बताया गया कि एक महीने से ज्यादा समय से सुबह पहट के करीब 3 बजे तीन टैंकर औद्योगिक क्षेत्र में आते हैं और सीमेंट रोड पर वाहन को खड़ा करने के बाद पाइप की मदद से टैंकर में भरा खराब ऑइल बहा देते हैं। महीने भर से यह क्रम चल रहा है। जिसके कारण जमीन के बड़े हिस्से में आइल जमा हो गया है, काफी बदबू भी फैल रही है।

क्षेत्र का एक किमी तक का दायरा बदबूदार,बीईसी फैक्ट्री के 10 में से 7 बोर में बदबू वाला पानी निकल रहा। क्वालिटी इंटरप्राइजेस के बोर से तो काला पानी निकल रहा जो तारकोल जैसा ही है।इससे पूरा औद्योगिक क्षेत्र परेशान है। ऑइल की बदबू से फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर दम घुटने की शिकायत कर रहे हैं। कुछ तो सांस फूलने की भी शिकायत कर चुके हैं। क्षेत्र में हजारों मजदूर काम कर रहे, उनकी सेहत को हैं खतरा

स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे जमीन के अंदर का पानी दूषित हो रहा है। प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि भारी औद्योगिक क्षेत्र में हजारों मजदूर काम कर रहे हैं। खराब ऑइल की वजह से उनके स्वास्थ्य पर खतरा मंडराने लगा है।

रेलवे की जिस जमीन पर खराब ऑइल जमा है, उसके आसपास की जमीन पूरी तरह काली हो चुकी है। पौधे मर चुके हैं। 20 नवंबर को इसमें आग लग चुकी है। ऑइल ज्वलनशील होने की वजह से आग की लपटें 50 फीट तक ऊंची उठ रही थी। करीब दो घंटे तक आग को लपटें ऐसे ही उठती रही। जैसे ही ऑइल में ज्वलनशील पदार्थ का कंटेंट खत्म हुआ, आग की लपटें धीरे-धीरे मंद पड़ने लगी। बावजूद आग को पूरी तरह शांत में 6 घंटे लगे। यह गनीमत रहा कि पास में कोई घर या फैक्ट्री नहीं थी, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।

वहीं वही इस मामले में क्षेत्रीय पर्यावरण विभाग के अधिकारी डॉक्टर अनीता सावंत ने जांच की बात कर अपना पलड़ा झाड़ लिया।,भारी औद्योगिक क्षेत्र में खाली जमीन पर फेंके जा रहे ऑइल की जांच कराई जाएगी। जिसके बाद इस ऑइल से जुड़े उद्योगों का पता लगाया जाएगा। उसके बाद कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

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