रायपुर (CGVARTA)। राजधानी में दुर्गा उत्सव मनाने के बाद 23 अक्टूबर से विसर्जन (Devi Visarjn) का दौर शुरु हुआ है, जिसका गुरुवार को समापन हुआ। निगम के अधिकारी-कर्मचारियों ने महादेव घाट स्थित विसर्जन कुंड में इस बार 917 मां दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया।
इसके अलावा कुम्हारी खारुन नदी व आसपास के तालाबों में भी करीब 100 से ज्यादा प्रतिमा का विसर्जन (Devi Visarjn) किया। विसर्जन कुंड में पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार 257 प्रतिमा कम पहुंचीं। पिछली बार 1174 प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया था।
करीब 70-80 टन अवशेष, सफाई आज से
विसर्जन कुंड में शहरभर की मां दुर्गा की प्रतिमाएं पिछले चार दिनों से विसर्जित की जा रही थीं। गुरुवार को यहां करीब 70-80 टन अवशेष जमा हो चुका था। निगम प्रशासन के अनुसार कुंड की सफाई शुक्रवार से की जाएगी।
30 गोताखोर, 6 क्रेन पूरे समय तैनात
कुंड के आसपास श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए इस बार विशेष दस्ते तैनात किए गए। नगर निगम के 30 गोताखोर व एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पूरे समय तैनात रही। महादेव घाट में प्रतिमा विसर्जन के लिए 6 क्रेन की व्यवस्था की गई थी। 90 नाविकों की ड्यूटी लगाई गई थी जो 8-8 घंटे के तीन शिफ्ट में तैनात थे।
दो दर्जन कैमरों से हुई निगरानी
दुर्गा प्रतिमाएं शांतिपूर्ण, सुरक्षित व व्यवस्थित रूप से विसर्जित हो सके, इसके लिए दो दर्जन से अधिक सीसीटीवी कैमरों से पूरे विसर्जन स्थल की निगरानी रखी गई। विसर्जित मूर्तियों के ढांचा, पूजन सामग्री व अन्य अवशेष इस बार विसर्जन कुंड से तुरंत निकालने की व्यवस्था की जा रही है।
दुर्गा प्रतिमाओं का लगभग विसर्जन पूर्ण हो गया है। निगम, पुलिस व स्वास्थ्य विभाग द्वारा श्रद्धालुओं की सुरक्षा, पेयजल व मोबाइल टॉयलेट की व्यवस्था की गई है। 27 अक्टूबर से विसर्जन कुंड की सफाई शुरू की जाएगी। गणेश प्रतिमाओं का अवशेष को आसपास के लोग अपनी जरूरत के अनुसार ले गए। हमने कुछ लोगों से अवशेष को ले जाने की बात कर रखी है, लेकिन देवी प्रतिमा के अवशेष को कोई ले जाना नहीं चाहते हैं।
निगम के जोन 8 कमिश्नर अरुण कुमार ध्रुव ने बताया