
ना रेडियम न स्टापर और न ही सूचना बोर्ड
राजनांदगांव (CGVARTA)। डोंगरगांव सड़क चौड़ीकरण लगातार विवादों में घिरता जा रहा है। ठेकेदार (Contractor sir) और विभागीय इंजीनियर की लापरवाही लगातार सामने आ रही है। नियमों को ताक में रखकर अमानक सड़क निर्माण कर रहे ठेकेदार को जनता की परेशानियों से कोई सरोकार नही है। (Contractor sir) न ही विभाग के इंजीनियर और एसडीओ का ध्यान इस ओर है। सड़क निर्माण में ठेकेदार की मनमानी का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है l
सोमवार लगभग रात 8 बजे निर्माणाधीन सड़क में एक बाइक सवार युवक अचानक डिवाइडर के लिए बांधे गये छड़ में जा टकराया, जिससे उसके शरीर के कुछ हिस्सों में चोट आई है l वहीं उसकी बाइक भी क्षतिग्रस्त हो गई। इससे पहले भी यहां रोज छोटे बड़े हादसे होते आ रहे हैं l
सड़क में बनाये जा रहे डिवाइडर में छड़ बांधने का काम किया जा रहा है वहीं इस जगह में किसी भी तरह की सड़क में किसी भी जगह पर रेडियम, सूचना बोर्ड या किसी प्रकार की सुरक्षा के लिए मार्क नहीं लगाए गए हैं, जिसके कारण आये दिन दुर्घटना होती रहती है l जिस जेसीबी मशीन से बीच रोड को खोदा जा रहा है। उसे रात में भी उसी हालत में सड़क के बीचों बीच अंधेरे में छोड़ दिया जाता है जहाँ पर्याप्त रोशनी भी नही है। ऐसे में सड़क पर गुजर रहे वाहन का मशीन से टकराकर बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।गिरगांव निवासी प्रभुराम ने बताया कि वो डोंगरगांव अपने कुछ काम से आया था, वह पेट्रोल पंप के पास से आ रहा था कि अचानक सामने से आ रही गाड़ी का लाइट आँख में पड़ा और वह डिवाइडर के लिए बांधे गये छड़ में जा गिराl उसने बताया कि अंधेरा होने के कारण कुछ नहीं दिखा और यहाँ किसी प्रकाश का सुरक्षा या कार्य प्रगति पर है या अन्य कोई भी सुरक्षा के मार्क नहीं लगाए गए हैं जिसके कारण यह हादसा हुआ।
कुछ दिन पूर्व ही पानी में करंट आने की भी हो चुकी है घटना
कुछ दिन पूर्व ही सड़क चौड़ीकरण में पानी के उपयोग के लिए सड़क किनारे बने नाले से पम्प के माध्यम से पानी खिंचा जा रहा है, जिसमें अचानक करंट आ गया। पानी मे करंट आने से बहुत सारे सांप,मछली और मेंढक मर गया है। इसमें किसी इंसान की जान जा सकती थी। सड़क में काम कर रहे मजदूर हाथ पैर धोने उसी नाले की पानी का उपयोग करते हैं। गनीमत रही कि कल कोई मजदूर उस पानी मे नही उतरा अन्यथा किसी की जान जा सकती थी।क्या प्रशासन ने बेलगाम छोड़ दिया है ठेकेदार को…?
सड़क चौड़ीकरण को लेकर बड़ा सवाल प्रशासन पर भी उठता है जिनका ध्यान इस ओर कतई नहीं है। तहसीलदार से लेकर अनुविभागीय अधिकारी के पास कई बार मौखिक शिकायत जा चुकी हैं किंतु अभी तक व्यवस्था सुधारने में किसी ने रुचि नहीं दिखाई, वहीं लोकनिर्माण विभाग की बात ही अलग है जहाँ के अधिकारी को चौड़ी हो रहे सड़क का निरीक्षण करने का भी वक्त नही है। या यूं कहें कि ठेकेदार को मनमानी करने की खुली छूट लोकनिर्माण विभाग ने दे रखी है।
अब सवाल ये है कि क्या विभाग या जिम्मेदार अधिकारी ठेकेदार की मनमानी पर लगाम लगा पाएंगे या ऐसे ही लापरवाही चलती रहेगी?
आखिर कौन होगा हादसे का जिम्मेदार?
नगर में चौड़ीकरण हो रहे सड़क में लगातार हादसों का दौर जारी है किंतु किसी दिन बड़ा हादसा हुआ तो उसका जिम्मेदार कोंन होगा ? आखिर जवाबदेही किसकी रहेगी ? सवाल बना रहेगा ?