Bihar Board Result : ये है टॉपर्स की संघर्ष भरी कहानी…
Bihar Board Result. बिहार बोर्ड कक्षा 10वीं के नतीजे घोषित हो गए हैं। परीक्षा में शेखपुरा जिले के इस्लामिया स्कूल के मो रूमान अशरफ ने टॉप किया है। अशरफ को 500 में 489 अंक मिले हैं। अशरफ बताते हैं कि उन्हें पढ़ने की प्रेरणा परिवार से मिली है। वह परीक्षा देकर आने के बाद बहुत नंबर वगैरह नहीं जोड़ते थे, लेकिन उन्हें पता होता था कि पेपर अच्छा गया है।
Bihar Board Result में आरा के उन्मुक्त का पांचवा स्थान
परीक्षा में आरा के कैथोलिक स्कूल के उन्मुक्त कुमार ने पांचवा स्थान हासिल किया है। उन्मुक्त कोईलवर के भोपतपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और स्कूल के शिक्षकों के साथ गोआ में भारतीय नेवी के जवान बड़े भाई को देते हैं। उन्मुक्त बताते हैं कि स्कूल में पढ़ाई के साथ घर में भी कई घंटे पढ़ते थे।
Bihar Board Result बिटिया ने किया टॉप
BSEB कक्षा 10वीं की परीक्षा परीक्षा में एक टेलर मास्टर की बिटिया ने टॉप किया है। इस परीक्षा में नेहा प्रवीण ने बिहार में चौथा स्थान पाया है। नेहा खगड़िया के शेरगढ गांव की रहने वाली हैं और उनके पिता सिलाई का काम करते हैं। नेहा प्रवीण को 500 में 483 अंक मिले हैं। वह इस सफलता से काफी खुश है और वो IAS बनना चाहती हैं।
Bihar Board Result 10वीं की परीक्षा में 6ठी रैंक जहानाबाद के वेद को मिली है। उन्हें 500 में से 480 अंक मिले हैं। वह अपनी इस सफलता का श्रेय गुरुजनों एवं परिवारजनों को दिया है। वेद आगे चलकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहता है।
नालंदा, दरभंगा भी टॉप लिस्ट में शामिल
Bihar Board Result की टॉपर्स लिस्ट में शामिल नालंदा की संजू कुमारी को तीसरा स्थान मिला है। वह एक साधारण किसान परिवार से आती है। उन्होंने सेल्फ स्टडी पर जोर दिया, वहीं खुद पढ़ने के साथ ही अपने भाई को भी पढ़ाया करती थी। संजू आगे की पढ़ाई कर IAS बनना चाहती है। दरभंगा के अभिषेक कुमार चौधरी को Bihar Board Result कक्षा 10वींं की परीक्षा में पांचवा स्थान मिला है। इन्होंने बुनियादी सुविधा की कमी और आर्थिक रूप से कमजोर होने के बावजूद भी इस मुकाम को हासिल किया है। अभिषेक कुमार चौधरी को 500 में 481 अंक मिले हैं।
तारक टॉप 4 पर
किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाली अमृता कुमारी ने 483 अंक लाकर पूरे बिहार में टॉप-4 रैंक हासिल की है। अमृता के पिता अभय तिवारी किसान हैं। माता अनिता देवी गृहिणी हैं। उन्होंने बताया कि विद्यालय में पढ़ाई के बाद सेल्फ स्टडी पर ज्यादा फोकस करती थीं। अमृता इस सफलता का श्रेय अपने दादा महेंद्र तिवारी और शिक्षकों को दी है।