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शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल: मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में स्कूल के भवन तक नहीं,

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर | एमसीबी जिला में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुए सभी वादे पूरी तरह से विफल साबित हो रहे हैं। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के विधानसभा क्षेत्र मनेंद्रगढ़ की ग्राम पंचायत गुरुचहवा में प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था बद से बदतर होती जा रही है। यहां के बच्चों को पढ़ने के लिए खुद का स्कूल भवन तक नसीब नहीं हो रहा है।

55 बच्चे पढ़ाई से वंचित, जर्जर भवन में मजबूरी

गुरुचहवा के प्राथमिक विद्यालय में 55 बच्चे पढ़ने आते हैं, लेकिन स्कूल का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है। दीवारों में दरारें हैं और छत कभी भी गिर सकती है। बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें पास के मिडिल स्कूल के प्रधान पाठक के कार्यालय में पढ़ाया जा रहा है। लेकिन यह स्थिति भी अस्थायी है और बच्चों के लिए सही पढ़ाई का माहौल नहीं बन पा रहा है।

 

मंत्री के वादे धरे के धरे रह गए

ग्रामवासियों ने स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल पर भरोसा किया था कि वे विधायक बनकर गांव में शिक्षा और स्वास्थ्य की दशा सुधारेंगे। लेकिन 2018 से अब तक क्षेत्र में कोई सुधार नहीं हुआ। मंत्री के विधानसभा क्षेत्र की ऐसी हालत हो तो बाकी सुदूर क्षेत्रों में स्थिति कैसी होगी, यह सोचना भी मुश्किल है।

शौचालय और हैंडपंप भी बेकार, बच्चों को नहीं मिलता शुद्ध पानी

विद्यालय के शौचालय भी खराब हो चुके हैं और हैंडपंप लंबे समय से खराब पड़ा है। बच्चों को पीने के लिए शुद्ध पानी तक नसीब नहीं हो रहा है। यह हालात दिखाते हैं कि यहां की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से नजरअंदाज कर दी गई है।

मासूम बच्चों के भविष्य से खिलवाड़

स्कूल की रसोइया फूलमती ने बताया कि रसोईघर भी जर्जर है। बरसात के समय खाना बनाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में बच्चों के लिए खाना बनाना और उन्हें खिलाने में भारी दिक्कतें आती हैं।

अब सवाल यह है कि कब तक इन बच्चों को खुद का विद्यालय मिलेगा? या फिर वे इसी तरह मिडिल स्कूल के प्रधान पाठक के कार्यालय में पढ़ने को मजबूर रहेंगे। जिम्मेदार नेताओं के मंचों पर बड़े-बड़े वादे और भाषण देने का सिलसिला जारी है, लेकिन जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल उलट है।

 

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