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Bidar से कांग्रेस के टिकट के लिए अयाज प्रबल दावेदार

बीदर (CGVARTA)। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रचंड बहुत मत हासिल करने के बाद कांग्रेस में एक नया जोश देखने में आ रहा है। अब कांग्रेस की नजरें 2024 के लोकसभा चुनाव पर हैं। बता दें, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राज्य में 20 सीटें जीतने का दावा कर रहे है। लोकसभा चुनाव के लिए अभी से चुनाव रणनीति तैयार हो रही है। इस के तहत राज्य में कांग्रेस की जीत का 88 प्रतिशत हिस्सा बने वाला मुस्लिम समुदाय 2024 के लोकसभा चुनाव में बीदर (Bidar) से कांग्रेस अल्पसंख्यक मुस्लिम को मौका देने की मांग कर रहा है। 2024 लोकसभा आम चुनाव में कांग्रेस में बीदर से मुस्लिम उम्मीदवार को मौका देने की मांग शुरू हो गई है।

अब सवाल यह उठता है मुस्लिम में किसको टिकट दिया जाए तो ऐसे में सबसे पहला नाम डॉ मोहम्मद अयाज़ खान का आता है। क्योकि 2019 के चुनाव में वह पहले ऐसे मुस्लिम नेता रहे जिसने यह दावा किया था की बीदर लोकसभा क्षेत्र से मुस्लिम को टिकट दिया जाए। उन्होंने 2019 में भी वह कांग्रेस से टिकट पाने के प्रबल दावेदार थे लेकिन दुर्भाग्य से वह सफल नहीं हुए। लेकिन उन्हें उम्मीद है कि इस बार उन्हें जरूर मौका दिया जाएगा। क्षेत्र के लोगों का मानना है की डॉ मोहम्मद अयाज़ खान के प्रसिद्ध और लोकप्रिय नेता है और उन्हे सब से पहले 2019 में कांग्रेस से टिकट की मांग रखी थी। लोगों का कहना है की डॉ अयाज़ खान को टिकट दिया जाता है तो उन्हे न सिर्फ मुस्लिम ब​ल्कि सभी समुदाय का साथ हासिल होगा।

आश्वासन के बावजूद टिकट नहीं मिला

डॉ मोहम्मद आयज खान कांग्रेस के टिकट 2019 में प्रयास किए समय उन्हे आशवासन दिया गया था कि आनेवाले समय में टिकट दिया जाएगा। अब अगर कांग्रेस एक मुस्लिम को टिकट देती है तो लोगों का मानना है कि पहला हक डॉ मोहम्मद आयाज़ खान का है।
बीदर लोकसभा क्षेत्र में हैं 8 विधानसभा क्षेत्र
बीदर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र भारत में कर्नाटक राज्य के 28 लोकसभा संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। यह निर्वाचन क्षेत्र 1962 में अस्तित्व में आया। यह 2008 तक अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित था। इसमें पूरा बीदर जिला और कलबुर्गी जिले का कुछ हिस्सा शामिल है। बीदर लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभा क्षेत्र है जिसमें कलबुरगी के दो विधानसभा क्षेत्र, आलंद और चिंचोली और बीदर जिले के 6 विधानसभा क्षेत्र औराद, बसवकल्याण,हुमनाबाद,भालकी, बीदर उत्तर और दक्षिण शामिल हैं ।

बीदर से अभी मौजूदा विधायक

चिंचोली में भाजपा के अविनाश जाधव है, अलंद में कांग्रेस के बीआर पाटील विधायक हैं। वहीं औराद में भाजपा के प्रभु चौहान ,भालकी में कांग्रेस के ईश्वर खंडरे,बसवकल्याण में भाजपा के शरनू सलगार ,हुमनाबाद में भाजपा के डॉ सिददु पाटील ,बीदर दक्षिण में भाजपा के डॉ शैलेंद्र बेलदाड़े और बीदर उत्तर में काग्रेस के रहीम खान हैं। बीदर लोकसभा क्षेत्र में 2019 में कुल 17,75,095 मतदाता रहे है जिसमें सब से बड़ा तबका लिंगायत और दूसरे नंबर पर मुस्लिम समुदाय माना जाता है जो लगभग 35 प्रतिशत है।

अब तक ये रहे सांसद

अगर इतिहास की बात करें तो 1952 में बीदर से कांग्रेस उम्मीदवार शौकत उल्ला अंसारी जो पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नहरु के करीबी थे। वह उत्तरप्रदेश के मूल निवासी होने के बावजूद बीदर से चुनाव लड़े और विजयी हुए थे। अब तो हालात अल्पसंख्यकों के पक्ष में तो इस बार कांग्रेस को एक बार फिर मुस्लिम उम्मीदवार का ही चयन करना चाहिए। दूसरे लोकसभा चुनाव 1962, और 1967 तीसरे लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने रामचन्द्र वीरप्पा को मौका दिया और लगातार 2 बार विजयी रहे।चौथे और पांचवें लोकसभा 1971 और 1977 में शंकर देव कांग्रेस से लगातार 2 बार सांसद बने। छठे और सातवे लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से नरसिंहराव सूर्यवंशी लगातार 3 बार सांसद बने। 8वीं, 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं लोकसभा चुनाव भाजपा उम्मीदवार रामचन्द्र वीरप्पा लगातार 5 बार सांसद रहे। 2004 में रामचन्द्र वीरप्पा की मृत्यु हो गई और लोकसभा उपचुनाव में भाजपा ने रामचन्द्र वीरप्पा के पुत्र को मौका दिया गया , लेकिन 2004 में कांग्रेस के नरसिंहराव सूर्यवंशी उपचुनाव जीत गए।

2008 में बीदर लोकसभा क्षेत्र अनुसूचित आरक्षण मुक्त हुआ और इसके साथ ही 2009 में, 15वीं लोकसभा चुनाव में बीदर से कांग्रेस उम्मीदवार कर्नाटक राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री धर्म सिंह चुनाव मे उतरे और गुरुपादप्पा नागमारपल्ली को हराकर जीत हासिल की। 16वीं लोकसभा 2014 के दौरान धर्म सिंह भगवंत खूबा से हार गए और भाजपा के भगवंत खुबा सांसद चुने गए और फिर 17वीं लोकसभा 2019 में, कांग्रेस के उम्मीदवार को हराकर भाजपा ने अपनी सीट बरकरार रखी, भगवंत खूबा दो बार बीदर से जीते और अब केंद्रीय मंत्री भी है।

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